नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग उम्मीद करता हूं कि आप बिल्कुल ठीक होंगे। आपका इस लेख UP Board Solutions में हार्दिक स्वागत है, आज के इस लेख के माध्यम से हम लोग UP Board के विज्ञान के Class-8 Science के Chapter-8 मानव निर्मित वस्तुएँ किशोरावस्था के अभ्यास प्रश्न को हल करेंगे, आशा करते हैं कि आपको यह पसन्द आयेगा —
UP Board Solutions for Class-8 Science Chapter-8 किशोरावस्था
अभ्यास प्रश्न
1. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर अभ्यास पुस्तिका में लिखिए
(क) किशोरावस्था की अवधि है-
(अ) 0-5 वर्ष
(ब) 6-11 वर्ष
(स) 11-19 वर्ष
(द) 20-50 वर्ष
उत्तर– विकल्प (स) 11-19 वर्ष
(ख) एस्ट्रोजन है-
(अ) अंतःस्रावी ग्रन्थि
(ब) स्त्री हार्मोन
(स) पुरुष हार्मोन
(द) प्रजनन विधि
उत्तर– विकल्प (ब) स्त्री हार्मोन
(ग) सामान्यत: ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है-
(अ) 11-13 वर्ष में
(ब) 20-25 वर्ष में
(स) 45-50 वर्ष में
(द) कभी नहीं
उत्तर– विकल्प (अ) 11-13 वर्ष में
(घ) किशोरावस्था में स्वास्थ्य पोषण से सम्बन्धित योजनाएँ हैं-
(अ) समेकित बाल विकास कार्यक्रम
(ब) राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
(स) सर्व शिक्षा अभियान ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर– विकल्प (द) उपरोक्त सभी
(ङ) विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है-
(अ) 31 मई
(ब) 5 जून
(स) 11 जुलाई
(द) 13 अक्टूबर
उत्तर– विकल्प (स) 11 जुलाई
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) जनन परिपक्वता किशोरावस्था में आती है।
(ख) किशोरों के गले में स्वर यंत्र के उभार को कंठमणि (एडम्स ऐपल) कहा जाता है।
(ग) युग्मनज का पोषण गर्भाशय में होता है।
(घ) अधिक मदिरा का सेवन, व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
(ङ) मिशन इन्द्रधनुष का उद्देश्य सभी बच्चों का टीकाकरण करना है।
3. सही कथन के आगे सही (√) व गलत कथन के आगे गलत (×) का चिह्न लगाइए-
(क) पहले ऋतुस्राव को रजोदर्शन कहते हैं। (√)
(ख) द्वितीयक लैंगिक लक्षण शैशवावस्था में दिखाई देते हैं। (×)
(ग) लिंग गुणसूत्र (X) सिर्फ स्त्रियों में पाया जाता है। (×)
(घ) पुरुष हार्मोन “टेस्टोस्टेरॉन” है। (√)
(ङ) धूम्रपान अधिक करने से श्वास सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। (√)
4. निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए
उत्तर–
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
क. शुक्राणु | वृषण |
ख. अण्डाणु | अण्डाशय |
ग. हार्मोन | अंत:स्रावी ग्रन्थि |
घ. स्वर-परिवर्तन | स्वर यन्त्र |
ङ. दाढ़ी मूँछ निकलना | द्वितीयक लैंगिक लक्षण |
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए?
उत्तर–
किशोरावस्था में शारीरिक परिवर्तन-
- लम्बाई में वृद्धि हो जाती है।
- स्वर में बदलाव आ जाता है।
- जननांगों में परिपक्वता आ जाती है।
- स्वेद एवं तैल ग्रन्थियों की सक्रियता बढ़ जाती है।
मानसिक परिवर्तन-
किशोरावस्था में व्यक्ति पहले की अपेक्षा अधिक सचेत चिन्तनशील, संवेदनशील, भावुक और स्वतंत्र हो जाते हैं।
(ख) द्वितीयक लैंगिक लक्षण किसे कहते हैं तथा ये किस प्रकार नियंत्रित होते हैं?
उत्तर–
ऐसे लक्षण जो किशोरावस्था के समय विकसित होते हैं एवं पुरुष तथा स्त्री में अन्तर को स्पष्ट करते हैं, द्वितीयक लैंगिक लक्षण कहलाते हैं। द्वितीयक लैंगिक लक्षण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से हार्मोन्स के द्वारा नियंत्रित होते हैं।
(ग) किशोरावस्था में व्यक्तिगत सफाई के महत्व को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर–
किशोरावस्था में स्वेद-ग्रंथियों और तैल ग्रंथियों की सक्रियता बढ़ जाती है। जिससे शरीर से गंध आने लगती है। प्रतिदिन स्नान करते समय सभी अंगों की सफाई अच्छी तरह से करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने से जीवाणुओं और कवको द्वारा संक्रमण का खतरा बना रहता है एवं चर्म रोग, खुजली तथा अन्य रोग होने की आशंका बनी रहती है।
(घ) युग्मनज में लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है? समझाइए।
उत्तर–
मनुष्य के प्रत्येक कोशिका के केन्द्रक में 23 जोड़ा (अर्थात 46) गुणसूत्र होते हैं। जिनमें से 22 जोड़े (अर्थात 44) गुणसूत्र पुरुष और स्त्रियों में समान प्रकृति के होते हैं। 23वाँ जोड़ा लिंग गुणसूत्र हैं जो X और Y के रूप में पहचाने जाते हैं। स्त्री में दो XX गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुष में एक X और एक Y गुणसूत्र होता है। यदि Y गुण सूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु के साथ निषेचित होता है तो युग्मनज XY प्रकृति की होती है तथा नवजात शिशु लड़का होता है जबकि X गुणसूत्र वाले शुक्राणु के साथ अण्डाणु के निषेचन होने पर युग्मनज XX प्रकृति की होती है तथा नवजात शिशु लड़की होती है।
(ङ) किशोरावस्था में पोषण का क्या महत्व है? किशोर तथा किशोरियों के पोषण में सुधार लाने हेतु किए जाने वाले क्रियाकलाप पर प्रकाश डालिए?
उत्तर–
किशोरावस्था में पोषण का महत्व है-
किशोरावस्था में पौष्टिक और संतुलित आहार देने से किशोर-किशोरियों का तीव्र गति से शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है तथा वे जीवन के सभी क्षेत्रों में अत्यधिक क्रियाशील रहते हैं।
किशोर तथा किशोरियों के पोषण में सुधार लाने हेतु किए जाने वाले क्रियाकलाप
विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य-पोषण योजनाएँ सरकार द्वारा संचालित हैं जो निम्नलिखित हैं-आई.सी.डी.एस. (समेकित बाल विकास कार्यक्रम)– वृद्धि निगरानी, अनुपूरक पोषाहार, स्वास्थ्य जाँच व पोषण स्वास्थ्य परामर्श, किशोरी व गर्भवती माँ की देखभाल
स्वास्थ्य विभाग– टीकाकरण
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम– स्वास्थ्य परीक्षण
(च) धूम्रपान एवं मादक द्रव्यों से होने वाले दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए?
उत्तर–
धूम्रपान एवं मादक द्रव्यों से होने वाले दुष्प्रभाव-
बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटका, खैनी, शराब आदि का सेवन करने से आन्तरिक अंगों (यकृत, फेफड़े आदि) को क्षति पहुँचती है। ये जीवन के लिए घातक भी हो सकते हैं। इनके अधिक प्रयोग से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति भी शून्य हो जाती है।
व्यक्ति अनेक प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर, अवसाद, घबराहट, बैचेनी आदि से ग्रसित हो जाता है।
धूम्रपान करने से श्वास सम्बन्धी विभिन्न रोग भी हो जाते हैं।
(छ) जनसंख्या वृद्धि के कारण तथा उससे होने वाले कुप्रभाव को समझाइए?
उत्तर–
जनसंख्या वृद्धि के कारण–
- देश की गर्म जलवायु
- कम उम्र में विवाह
- विवाह की अनिवार्यता
- यौन शिक्षा का अभाव
- परिवार नियोजन के उपायों की सीमित जानकारी आदि।
जनसंख्या वृद्धि के कुप्रभाव-
- रोजगार में कमी
- खाद्य सामग्री की कमी (मंहगाई)
- आवास सुविधाओं में कमी
- पर्याप्त आहार न मिल पाने से कुपोषण
- स्वास्थ्य स्तर का निम्न होना
- शिक्षा, चिकित्सा और परिवहन सम्बन्धी सुविधाओं की कमी
- अपराध में वृद्धि
- निर्धनता आदि।
(ज) परिवार-निरोध विधियों का प्रसार किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर–
परिवार-निरोध विधियों का प्रसार निम्न प्रकार किया जा सकता है-
- सरकार द्वारा परिवार-नियोजन सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित करके।
- परिवार-नियोजन सम्बंधित पोस्टर व बैनर दीवारों पर लगाकर।
- जनसंख्या नियंत्रण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करके।
- लोगों को जनसंख्या वृद्धि के कुप्रभावों को बता करके।
(झ) परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित योजनाओं को लिखिए?
उत्तर–
परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रमुख योजनाएँ मिशन इन्द्रधनुष, जननी सुरक्षा योजना और एम्बुलेंस सेवा है।