UP Board Solutions for Class-8 Science Chapter-4 खनिज एवं धातु

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग उम्मीद करता हूं कि आप बिल्कुल ठीक होंगे। आपका इस लेख UP Board Solutions में हार्दिक स्वागत है, आज के इस लेख के माध्यम से हम लोग UP Board के विज्ञान के Class-8 Science के Chapter-4 खनिज एवं धातु के अभ्यास प्रश्न को हल करेंगे, आशा करते हैं कि आपको यह पसन्द आयेगा —


(अ) लकड़ी की मेज

(ब) स्टील की कुर्सी

(स) खुली स्थानों पर रखी लोहे की छड़ (✓)

(द) तेल लेपित लोहे की छड़

उत्तर 1(क)- विकल्प (स) खुली स्थानों पर रखी लोहे की छड़

(अ) सोडियम

(ब) लोहा

(स) ऐलुमीनियम (✓)

(द) कॉपर

उत्तर 1(ख)- विकल्प (स) ऐलुमीनियम

उत्तर 2-

(क) सोडियम धातु को मिट्टी के तेल में रखते हैं।

(ख) जंग लगने के लिए ऑक्सीजन तथा नमी आवश्यक है।

(ग) धातु से तार बनाने का गुण तन्यता कहलाता है।

(घ) जिन खनिजों से धातु का निष्कर्षण किया जाता है उन्हें अयस्क कहते हैं।

उत्तर 3-

(क) हीरा कार्बन का रूप है।            (✓)
(ख) हेमेटाइट एलुमिनियम का अयस्क है।    (×)
(ग) धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाते हैं। (✓)
(घ) क्वार्ट्ज धात्विक खनिज है।                          (×)
(ङ) संगमरमर चूने के पत्थर से बनता है।     (✓)

उत्तर 4-

बॉक्साइटएलुमिनियम
गैलेना लेड (सीसा)
हेमेटाइटआयरन(लोहा)
पाइरोलुसाइटमैग्नीज

उत्तर 5(क)

खनिज-

पृथ्वी के भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों अथवा यौगिको को खनिज कहते हैं। जैसे- क्वार्ट्ज, हेमेटाइट,बॉक्साइट, ग्रेनाइट आदि।

अयस्क (Ore)-

ऐसे खनिज, जिनसे धातु का निष्कर्षण अधिक मात्रा में सरलता से और कम लागत में हो जाता है, अयस्क कहलाते हैं। जैसे-हेमेटाइट, बॉक्साइट आदि।

उत्तर 5(ख)– अधिकांश खनिज ऑक्साइड के रूप में पाए जाते है।

उत्तर 5(ग)

अघातवर्धनीयता

धातुओं को पीट कर (आघात पहुँचा कर) चादरों के रूप में परिवर्तित करने के गुण को अघातवर्धनीयता कहते हैं।

तन्यता-

धातुओं को खींच कर तार बनाया जा सकता है। धातुओं को तार के रूप में परिवर्तित करने के गुण को तन्यता कहते हैं।

उत्तर 5 (घ)

धातुओं का संक्षारण

धातु की सतह पर उसका यौगिक बनकर धातु की एक-एक परत के रूप में उतरने से धातु का नष्ट होना संक्षारण कहलाता है। लोहे के संक्षारण को जंग लगना कहते हैं।

उत्तर 5 (ङ)

सोना, प्लेटिनम।

उत्तर 5(च)

मिश्र धातु (Alloy)

धातु में अन्य धातुओं अथवा अधातुओं की उचित मात्रा मिलाकर उसमें वांछित गुण-धर्म प्राप्त किये जा सकते हैं। ऐसे मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं। पीतल, कांसा आदि मिश्र धातु है।

उत्तर 5(छ)– पारा

उत्तर 6(क)

धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया-   धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके ऑक्साइड बनाते हैं। सोडियम तथा पोटैशियम कमरे के सामान्य ताप पर क्रिया करके ऑक्साइड बनाते हैं।

उदाहरण

4Na +    O2  →  2Na2O                  

सोडियम    ऑक्सीजन   सोडियम ऑक्साइड

उत्तर 6(ख)

धातु का जल के साथ अभिक्रिया-

सक्रिय धातु जल के साथ क्रिया करके धातु हाइड्रॉक्साइड / ऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाती हैं।

उदाहरण- सोडियम धातु जल के साथ तीव्र गति से अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाता है।

 2Na + 2H2O      →  2NaOH + H2  

सोडियम          जल                            सोडियम हाइड्रॉक्साइड      हाइड्रोजन गैस

अधातु का जल के साथ अभिक्रिया-

अधातु सामान्य ताप पर जल से क्रिया नहीं करते हैं।

उत्तर 6(ग)

लोहा- बिहार, उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़।

तांबा– आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान।

सोना- कोलार खान-कर्नाटक, आंध्र प्रदेश।

उत्तर 6(घ)

धातुओं की ऑक्सीजन से अभिक्रिया-  धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके ऑक्साइड बनाते हैं।

उदाहरण- (1) सोडियम तथा पोटैशियम कमरे के सामान्य ताप पर क्रिया करके ऑक्साइड बनाते है।

4Na +    O2      →     2Na2O                

सोडियम      ऑक्सीजन         सोडियम ऑक्साइड                                                           

(2)  मैग्नीशियम का तार ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (सफेद पाउडर) बनाता है।

2Mg    +    O2   →  2MgO

मैग्नीशियम     ऑक्सीजन    मैग्नीशियम ऑक्साइड

उत्तर 6(ङ)

सोडियम धातु का जल से अभिक्रिया-

सोडियम धातु जल के साथ तीव्र गति से अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाता है।

 2Na      +   2H2O    →     2NaOH  +     H 

 सोडियम          जल             सोडियम हाइड्रॉक्साइड      हाइड्रोजन गैस

सोडियम धातु का ऑक्सीजन से अभिक्रिया-

सोडियम कमरे के सामान्य ताप पर ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाता है।

4Na +    O2   →  2Na2O                 

सोडियम     ऑक्सीजन    सोडियम ऑक्साइड

उत्तर 6(च)

धातु तथा अधातु में अन्तर

  • धातुओं में चमक होती है जबकि अधातुओं में चमक नहीं होती है।
  • धातुएं अघातवर्धनीय एवं तन्य होती हैं जबकि अधातुएं भंगुर एवं तन्यता विहीन होती हैं
  • सामान्य ताप पर प्रायः सभी धातुएँ ठोस होती हैं (पारा को छोड़कर)। सामान्य ताप पर अधिकांश अधातुएँ द्रव व गैस अवस्था में होती हैं।

उत्तर 6(छ)

धातुओं को संक्षारण (क्षरण) से बचाने के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग किया जाता है-

(1) पेंट का लेप चढ़ा कर-

धातु की वस्तुओं की सतह पर पेंट लगाकर उसे क्षरण से बचाया जा सकता है।

(2) ग्रीस या तेल लगाकर-

नए औजारों जैसे- कैंची, चाकू पर ग्रीस या तेल लगाकर क्षरण से बचाया जा सकता है।

(3) मिश्र धातु बना कर

कभी-कभी एक धातु में दूसरी धातु या अधातु मिलाने पर वह अधिक कठोर, स्थायी तथा संक्षारण से सुरक्षित हो जाता है।

(4) गैल्वोनीकरण (धातु चढ़ाना) करके।

(5) विद्युत लेपन (Electroplating) करके।

उत्तर 6(ज)

लकड़ी ताप का कुचालक है। लकड़ी के हैंडल को हाथ से पकड़ने पर हाथ नहीं जलता है। इसलिए तवे की हैंडल में लकड़ी लगी होती है।

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पाठ- 1 विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में नवीनतम प्रगति
पाठ- 2 मानव निर्मित वस्तुएँ
पाठ- 3 परमाणु की संरचना
पाठ- 4 खनिज एवं धातु
पाठ- 5 सूक्ष्मजीवों का सामान्य परिचय एवं वर्गीकरण
पाठ- 6 कोशिका से अंग तंत्र तक
पाठ- 7 जन्तुओं में जनन
पाठ- 8 किशोरावस्था
पाठ- 9 दिव्यांगता
पाठ- 10 फसल उत्पादन
पाठ- 11 बल तथा दाब
पाठ- 12 प्रकाश एवं प्रकाश यन्त्र
पाठ- 13 विद्युत धारा
पाठ- 14 चुम्बकत्व
पाठ-15 कार्बन एवं उसके यौगिक
पाठ-16 ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत
पाठ- 17 कम्प्यूटर

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