नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग उम्मीद करता हूं कि आप बिल्कुल ठीक होंगे ।आपका इस लेख में हार्दिक स्वागत है, आज के इस लेख के माध्यम से हम लोग UP Board के विज्ञान (Science) के Class-7 के Chapter- 11 पौधों में जनन के अभ्यास प्रश्न को हल करेंगे, आशा करते हैं कि आपको यह पसन्द आयेगा —

UP Board Solutions for Class-7 Science Chapter-11 पौधों में जनन
अभ्यास प्रश्न पाठ-11 पौधों में जनन
प्रश्न 1. सही विकल्प पर (✓) निशान लगाइए–
प्रश्न 1(क)- नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है-
(1) निषेचन (✓)
(2) परागण
(3) जनन
(4) बीज निर्माण
उत्तर 1(क)– विकल्प (1) निषेचन (✓)
प्रश्न 1(ख)- परिपक्व होने पर अण्डाशय विकसित हो जाता है-
(1) बीज में
(2) पुंकेसर में
(3) स्त्रीकेसर में
(4) फल में (✓)
उत्तर 1(ख)– विकल्प (4) फल में (✓)
प्रश्न 1(ग) अजूबा अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है-
(1) तना
(2) पत्ती (✓)
(3) जड़
(4) पुष्प
उत्तर 1(ग)– विकल्प (2) पत्ती (✓)
प्रश्न 1(घ)- पौधे के जनन अंग है –
(1) जड़
(2) तना
(3) पत्ती
(4) फूल (✓)
उत्तर 1(घ)– विकल्प (4) फूल (✓)
प्रश्न 1(ड़)- परागकण का वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण कहलाता है-
(1) निषेचन
(2) परागण (✓)
(3) जनन
(4) फल का बनना
उत्तर 1(ङ)– विकल्प (2) परागण (✓)
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर 2-
(क) जनक पौधों के कायिक भागों से नए पौधों का उत्पन्न होना कायिक जनन कहलाता है।
(ख) जिन फूलों में केवल नर या केवल मादा जनन अंग होते हैं वे एक लिंगी पुष्प कहे जाते हैं।
(ग) परागकोष से परागकणों का वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण की क्रिया परागण कहलाती है।
(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन निषेचन कहलाता है।
(ङ) बीज का प्रकीर्णन वायु, जल और जंतुओं के द्वारा होता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में सही कथनों पर सही (✓) तथा गलत कथनों पर गलत (X) का चिह्न लगाइये।
उत्तर 3-
(अ) स्पाइरोगाइरा तथा यूलोथ्रिक्स खण्डन विधि से प्रजनन करते हैं। (✓)
(ब) कलम लगाना कृत्रिमवर्धी प्रजनन है। (✓)
(स) यीस्ट में जनन खण्डन विधि द्वारा होता है। (×)
(द) स्त्रीकेसर पुष्प का नर भाग है। (×)
(य) पुष्प के सभी भाग पुष्पासन पर टिके होते हैं। (✓)
प्रश्न 4. स्तम्भ क में दिए गए शब्दों का स्तम्भ ख से मिलान कीजिए-
उत्तर 4–
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
क. कली/मुकुल | यीस्ट |
ख. आँख | आलू |
ग. खण्डन | स्पाइरोगाइरा |
घ. पंख | मेपिल |
ङ. बीजाणु | डबलरोटी की फफूँद |
प्रश्न 5. निषेचन किसे कहते हैं ?
उत्तर 5– निषेचन- नर तथा मादा युग्मक के युग्मन की क्रिया को निषेचन कहते हैं।
प्रश्न 6. पौधों में अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर 6–
पौधों में अलैंगिक जनन-
पौधों में अलैंगिक जनन निम्नलिखित प्रकार से होता हैं-
- मुकुलन द्वारा,
- खण्डन द्वारा,
- बीजाणु निर्माण द्वारा,
- वर्धी प्रजनन या कायिक प्रवर्धन द्वारा
(1) मुकुलन (Budding)
मुकुलन की प्रक्रिया में एक छोटा अंकुर जनक जीव के शरीर पर विकसित होता है जिसे मुकुल या कली कहते हैं।

मुकुल धीरे-धीरे वृद्धि करके अपनी मातृ (जनक) कोशिका से अलग हो जाता है और नयी कोशिका बन जाता है। हाइड्रा और यीस्ट में मुकुलन होता है।
(2) खण्डन (Fragmentation) द्वारा-
खण्डन अलैंगिक प्रजनन की एक प्रक्रिया है, जिसमें जनक कोशिका अनेक खण्डों में टूट जाती है जिसे खण्डन कहते है। प्रत्येक खण्ड या टुकड़े से नये-नये पौधे का निर्माण होता है। स्पाइरोगाइरा और यूलोथ्रिक्स आदि शैवाल इस विधि से प्रजनन करते हैं।

(3) बीजाणु निर्माण (Spore formation)-

कवक (फफूँद), शैवाल, मॉस और फर्न आदि में बीजाणुओं द्वारा जनन होता हैं। जब बीजाणु हवा के द्वारा नम स्थानो पर गिरते हैं तो अंकुरित होकर नये जीव को जन्म देते हैं।
(4) वर्धी प्रजनन (कायिक प्रवर्धन)–
जब पौधों के वर्धी भाग जैसे जड़, तना और पत्ती से नये पौधे का जन्म होता है तो उसे वर्धी प्रजनन कहते हैं। अजूबा, विगोनिया, आलू, अदरक, गन्ने के पौधे में वर्धी प्रजनन होता है।

x
प्रश्न 7. स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर लिखिए।
उत्तर 7–
स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर- जब परागकण अपने ही पुष्प के वर्तिकाग्र पर अथवा उसी पौधे के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचता है तो इस क्रिया स्व-परागण कहते हैं जबकि यदि किसी पुष्प का परागकण निकलकर उसी जाति के अन्य पौधे के पुष्पों के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तो इस क्रिया पर-परागण कहते हैं ।
प्रश्न 8. किसी पुष्प का चित्र खींचकर उनके जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर 8-


प्रश्न 9. अलैगिंक तथा लैंगिक जनन में अन्तर लिखिए।
उत्तर 9–
अलैगिंक तथा लैंगिक जनन में अन्तर– अलैंगिक जनन में पौधे के किसी भी भाग जैसे जड़, तना, पत्ती से नये पौधे उत्पन्न होते है। इस प्रक्रिया में बीजों का उपयोग संतति बढ़ाने में नहीं होता है जबकि लैंगिक जनन की क्रिया में नर और मादा जनकों की भागीदारी होती है। लैंगिक जनन में नये पौधे बीजों के द्वारा ही उगते है।
10. बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर 10–
बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियां- प्रकृति में फलों एवं बीजों का प्रकीर्णन वायु, जल और जन्तुओं द्वारा होता है।
1)- वायु (हवा) द्वारा फैलाव- कुछ पौधों के बीज पंख युक्त, हल्के और बाल जैसी संरचनाएं वाले होते हैं जो हवा के द्वारा उड़कर दूर-दूर तक चले जाते हैं जैसे- चिलबिल, द्विफल (मेपिल), घास, मदार (आक) आदि।
2)- जल (पानी) से फैलाव- कुछ पौधे जैसे नारियल आदि फलों के आवरण तन्तुमय (रेशेदार) होते हैं ताकि वे जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकें।
3)- जानवरों द्वारा फैलाव- कांटेदार बीज जिनमें हुक जैसे संरचनाएं होती हैं जन्तुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और दूर-दूर तक फैल जाते हैं जैसे ज़ेंथियम, यूरेना आदि।
4)- फटने से फैलाव:– कुछ पौधों के फल झटके के साथ फट जाते हैं तथा बीच प्रकीर्णित हो जाते हैं जैसे- मटर तथा अरण्ड आदि।
आपको UP Board Solutions for Class-7 Science Chapter-11 पौधों में जनन को पढ़ने के लिए धन्यवाद ।
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पाठ- 3 पदार्थ की संरचना एवं प्रकृति
पाठ-4 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
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पाठ- 7 जन्तुओ में पोषण
पाठ- 8 जीवों में श्वसन
पाठ- 9 जन्तुओं एवं पौधों में परिवहन
पाठ- 10 जीवों में उत्सर्जन
पाठ- 11 पौधों में जनन
पाठ-12 लाभदायक एवं हानिकारक पौधे तथा जन्तु
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पाठ-14 ध्वनि
पाठ-15 ऊर्जा
पाठ-16 प्रकाश
पाठ-17 बल एवं यन्त्र
पाठ- 18 स्थिर विद्युत
पाठ- 19 जल
पाठ- 20 वायु
पाठ- 21 कम्प्यूटर
——– UP Board Solutions for Class-7 Science —-