नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग उम्मीद करता हूं कि आप बिल्कुल ठीक होंगे। आपका इस लेख UP Board Solutions में हार्दिक स्वागत है, आज के इस लेख के माध्यम से हम लोग UP Board के विज्ञान के Class-4 hindi के Chapter-1 जग के स्वामी (कविता) के अभ्यास प्रश्न को हल करेंगे, आशा करते हैं कि आपको यह पसन्द आयेगा —
UP Board Solutions for Class-4 Hindi फुलवारी पाठ-01 जग के स्वामी (कविता)
अभ्यास प्रश्न पाठ -1 हे जग के स्वामी (कविता)
बोध प्रश्न –
प्रश्न ( 1 ) : उत्तर लिखिए –
प्रश्न 1 ( क )- कविता में प्रकाश के स्वामी से क्या प्रार्थना की गई है ?
उत्तर – कविता में प्रकाश के स्वामी से प्रार्थना की गई है कि जब आप पूरे संसार को अपने प्रकाश से चमका चुके हों तब मेरे जीवन रुपी मार्ग में भी कुछ उजाला कर देना|
प्रश्न 1 ( ख )- ईश्वर को जग के प्रकाश का स्वामी क्यों कहा गया है ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता में सूर्य, चन्द्रमा और तारों को ईश्वर का रूप माना गया है, इसलिए उन्हें जग के प्रकाश का स्वामी कहा गया है |
प्रश्न 1( ग )- कविता के आधार पर ईश्वर की महिमा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए |
उत्तर – कविता में कवि ने बताया है कि ईश्वर द्वारा रचित सूरज और तारे किस प्रकार अपने प्रकाश से पूरे संसार को रोशन कर रहे हैं और साथ ही कवि ने अपने जीवन रुपी पथ पर भी प्रकाश फ़ैलाने की कामना की है |
प्रश्न ( 2 ) : कविता की पंक्तियों को सही क्रम में लिखिए –
उत्तर – फ़ैल रही है कीर्ति तुम्हारी ,
बन करके चाँदनी धवल |
चमक रहे हैं लाखों तारे ,
बन तेरा श्रृंगार अमल |
चमक रही है किरण तुम्हारी ,
चमक रहे हैं सब जल – थल |
प्रश्न ( 3 ) :- निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –
हे जग के प्रकाश के स्वामी !
जब सब जग दमका देना ,
मेरे भी जीवन के पथ पर ,
कुछ किरणे चमका देना |
उत्तर – कवि कहता है कि हे जगत के प्रकाश के स्वामी ! आप पूरे संसार को अपने प्रकाश से प्रकाशमान कर चुके हों तब मेरे जीवन रुपी मार्ग में भी कुछ उजाला कर देना |
प्रश्न ( 4 ) :- सोच – विचार : बताइए –
प्रश्न 4( क )- हमें प्रकाश किन – किन चीजों से मिलता है ?
उत्तर – हमें प्रकाश तारों और सूर्य से मिलता है |
प्रश्न 4( ख )- प्रकृति के किन – किन रूपों को देखकर ईश्वर की याद आती है ?
उत्तर – प्रकृति में जीवन को सरल बनाने हेतु सभी प्रकार की वस्तुएं ईश्वर ने बना रखी हैं | ये कार्य ईश्वर के अलावा कोई नहीं कर सकता है | वह प्रकाश के देवता सूरज के रूप में , जल देवता के रूप में अग्नि देवता के रूप में या यह कहें कि वह कण-कण में व्याप्त है |
प्रश्न (5) :- भाषा के रंग –
प्रश्न 5( क )- जिन शब्दों के अर्थ समान होते हैं उन्हें ‘ पर्यायवाची शब्द ‘ कहते हैं | नीचे लिखे शब्दों में से ‘जल’ और ‘सूर्य’ के पर्यायवाची शब्दों को चुनकर लिखिए –
( रवि , नीर , वारि , भानु , अम्बु , भास्कर , पानी , दिनकर )
उत्तर –
सूर्य – रवि , भानु , भास्कर , दिनकर
जल – नीर , वारि , अम्बु , पानी
प्रश्न 5 ( ख )- कविता में ‘जल-थल’ और ‘जब-सब’ जैसे समान ध्वनि वाले शब्द आये हैं | इस तरह के शब्दों को तुकांत शब्द कहते हैं | इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों के तीन-तीन तुकान्त शब्द लिखिए –
उत्तर –
लाल – माल , गाल , शाल
तेरा – मेरा , फेरा ,
चमक – दमक , नमक ,