January जैन्युअरी जनवरी , February फेबुअरी फरवरी , March मार्च मार्च , April अप्रैल अप्रैल , May मे मई , June जून जून , July जुलाई जुलाई , August आगस्त अगस्त , September सेप्टेम्बर सितम्बर , …….. Month Name in Hindi and English महीनो के नाम हिंदी और अंग्रेजी में
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग,आप लोग से उम्मीद करता हूं आप लोग बिल्कुल ठीक होंगे आपका हमारे इस लेख में हार्दिक स्वागत है, आज के इस लेख के मदद से हम सीखेगें कि महीनो के नाम Month Name हिंदी और अंग्रेजी में क्या है—
Month Name in Hindi and English महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में
S.N. | Month Name | Pronunciation | Hindi Name |
1 | January | जैन्युअरी | जनवरी |
2 | February | फेबुअरी | फरवरी |
3 | March | मार्च | मार्च |
4 | April | अप्रैल | अप्रैल |
5 | May | मे | मई |
6 | June | जून | जून |
7 | July | जुलाई | जुलाई |
8 | August | आगस्त | अगस्त |
9 | September | सेप्टेम्बर | सितम्बर |
10 | October | आक्टोबर | अक्तूबर |
11 | November | नोवेम्बर | नवम्बर |
12 | December | दिसम्बर | दिसंबर |
महीनों के नाम, उनकी उत्पत्ति, और उनके ऐतिहासिक महत्व का अध्ययन करना बहुत ही रोचक विषय है। इस निबंध में हम महीनों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, उनके नामकरण की प्रक्रिया, उनके महत्व और विभिन्न संस्कृतियों में उनका स्थान।
1. महीनों की उत्पत्ति और नामकरण :-
हमारे वर्तमान कैलेंडर में 12 महीने होते हैं, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित हैं। इस कैलेंडर का उपयोग दुनिया के अधिकांश हिस्सों में किया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर का विकास जूलियन कैलेंडर से हुआ, जिसे रोमन सम्राट जूलियस सीज़र ने 45 ईसा पूर्व में पेश किया था।
हर महीने का नाम रोमन संस्कृति, मिथकों और देवी-देवताओं से लिया गया है:
- जनवरी (January): यह महीना रोमन देवता “जेनस” (Janus) के नाम पर रखा गया है, जो द्वार और शुरुआत के देवता माने जाते थे। जनवरी का महीना नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
- फरवरी (February): फरवरी का नाम लैटिन शब्द “फेब्रुआ” (Februa) से लिया गया है, जो शुद्धिकरण के त्योहार को दर्शाता है। यह महीना प्राचीन रोमन काल में शुद्धिकरण और पवित्रता का महीना था।
- मार्च (March): मार्च का नाम रोमन युद्ध देवता “मार्स” (Mars) के नाम पर रखा गया है। यह महीना रोमन कैलेंडर का पहला महीना हुआ करता था और यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक था।
- अप्रैल (April): अप्रैल का नाम लैटिन शब्द “एपेरिरे” (Aperire) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “खुलना”। यह महीना फूलों और पेड़ों के खिलने का प्रतीक है।
- मई (May): यह महीना रोमन देवी “माया” (Maia) के नाम पर रखा गया है, जो उर्वरता की देवी मानी जाती थीं।
- जून (June): जून का नाम रोमन देवी “जूनो” (Juno) के नाम पर रखा गया है, जो विवाह और परिवार की संरक्षिका मानी जाती थीं।
- जुलाई (July): यह महीना रोमन सम्राट जूलियस सीज़र के सम्मान में रखा गया था। पहले इसे “क्विंटिलिस” (Quintilis) कहा जाता था, जो रोमन कैलेंडर का पांचवां महीना था।
- अगस्त (August): यह महीना रोमन सम्राट ऑगस्टस के नाम पर रखा गया था। पहले इसे “सेक्सटिलिस” (Sextilis) कहा जाता था, जो रोमन कैलेंडर का छठा महीना था।
- सितंबर (September), अक्टूबर (October), नवंबर (November), दिसंबर (December): इन महीनों के नाम उनके मूल लैटिन नामों से लिए गए हैं। “सेप्टेम” का मतलब सात, “ऑक्टो” का मतलब आठ, “नोवेम” का मतलब नौ, और “डेसम” का मतलब दस होता है। ये नाम तब दिए गए थे जब रोमन कैलेंडर में साल की शुरुआत मार्च से होती थी, इसलिए ये महीने क्रमशः सातवें, आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर आते थे।
2. हिंदी कैलेंडर से सभी महीनों के नाम :-
हिंदी कैलेंडर में चैत्र साल का पहला और फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है। 12 हिन्दी महीनों के नाम क्रमशः इस प्रकार हैं:
- चैत्र – (मार्च-अप्रैल)
- वैशाख – (अप्रैल-मई)
- ज्येष्ठ – (मई-जून)
- आषाढ़ – (जून-जुलाई)
- श्रावण – (जुलाई-अगस्त)
- भाद्रपद – (अगस्त-सितंबर)
- आश्विन – (सितंबर-अक्टूबर)
- कार्तिक – (अक्टूबर-नवंबर)
- अग्रहायण – (नवंबर-दिसंबर)
- पौष – (दिसंबर-जनवरी)
- माघ – (जनवरी-फरवरी)
- फाल्गुन – (फरवरी-मार्च)
हिंदू पंचांग में महीनों का महत्व बहुत बड़ा है, क्योंकि ये न केवल समय का हिसाब रखते हैं, बल्कि विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक गतिविधियों से भी जुड़े होते हैं। हिंदू महीनों का निर्धारण चंद्रमा की गति के आधार पर होता है, और हर महीने का नाम उसके विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के आधार पर रखा गया है। आइए, हिंदू कैलेंडर के 12 महीनों के बारे में विस्तार से जानते हैं: –
1. चैत्र (Chaitra):-
चैत्र महीना हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है, और इसे नववर्ष की शुरुआत माना जाता है। यह महीना वसंत ऋतु का प्रतीक होता है और इस दौरान पेड़-पौधे और वातावरण खिल उठते हैं। चैत्र में रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है, जो भगवान श्रीराम के जन्म का दिन होता है। इसके अलावा, इस महीने में चैत्र नवरात्रि भी मनाई जाती है, जो देवी दुर्गा की उपासना का समय होता है।
2. वैशाख (Vaishakh):-
वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है और इस महीने में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। वैशाख का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु की आराधना का समय होता है। अक्षय तृतीया भी इसी महीने में आती है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इसके अलावा, बुद्ध पूर्णिमा भी इसी महीने में मनाई जाती है, जो भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है।
3. ज्येष्ठ (Jyeshtha):-
ज्येष्ठ महीना गर्मियों के चरम का प्रतीक है और यह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना होता है। इस महीने में सूर्य की तपन सबसे अधिक होती है और इसलिए इसे गर्मी का महीना माना जाता है। इस महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। गंगा दशहरा गंगा नदी के धरती पर अवतरण का दिन माना जाता है, जबकि निर्जला एकादशी व्रत करने का विशेष महत्व होता है।
4. आषाढ़ (Ashadha):-
आषाढ़ महीना हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना है, और यह वर्षा ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस समय मानसून का आगमन होता है और वातावरण में ठंडक बढ़ जाती है। इस महीने में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है, जो गुरु के प्रति सम्मान का दिन है। यह महीना आध्यात्मिक साधना और उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
5. श्रावण (Shravana):-
श्रावण हिंदू पंचांग का पांचवा महीना है और इसे बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह महीना शिवजी की उपासना का समय होता है, और इस दौरान कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है। श्रावण में हर सोमवार को व्रत रखने का विशेष महत्व होता है, जिसे श्रावण सोमवार कहते हैं। इस महीने में नाग पंचमी, रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी आते हैं।
6. भाद्रपद (Bhadrapada):-
भाद्रपद महीना हिंदू पंचांग का छठा महीना है और यह भी वर्षा ऋतु का हिस्सा होता है। इस महीने में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जो भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है। इसके अलावा, इस महीने में अनंत चतुर्दशी और राधाष्टमी जैसे त्योहार भी मनाए जाते हैं। भाद्रपद में भक्त अपने आराध्य देवता की पूजा-अर्चना करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
7. आश्विन (Ashwin):-
आश्विन महीना हिंदू कैलेंडर का सातवां महीना है और यह शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस महीने में शारदीय नवरात्रि, दशहरा, और शरद पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। शारदीय नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक देवी दुर्गा की उपासना की जाती है, और दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है और यह दिन विशेष रूप से कोजागरी व्रत के लिए प्रसिद्ध है।
8. कार्तिक (Kartik):-
कार्तिक महीना हिंदू पंचांग का आठवां महीना है और इसे सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, और कार्तिक पूर्णिमा जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। दीपावली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और ज्ञान का प्रतीक है। इस महीने में तुलसी पूजा और व्रतों का भी विशेष महत्व होता है, और भक्तगण धार्मिक स्थलों पर जाकर स्नान-ध्यान करते हैं।
9. मार्गशीर्ष (Margashirsha):-
मार्गशीर्ष महीना हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना है और इसे भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने में गीता जयंती मनाई जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश देने का दिन है। इस महीने में विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त भी निकलते हैं।
10. पौष (Paush):-
पौष हिंदू पंचांग का दसवां महीना होता है और यह शीत ऋतु का प्रतीक है। इस समय ठंड का प्रभाव सबसे अधिक होता है। पौष महीने में सूर्य की पूजा का विशेष महत्व होता है, और इस महीने में मकर संक्रांति का त्योहार भी आता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण का प्रारंभ माना जाता है और इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का महत्व होता है।
11. माघ (Magha):-
माघ महीना हिंदू कैलेंडर का ग्यारहवां महीना है और यह भी शीत ऋतु का हिस्सा होता है। माघ महीने में माघ पूर्णिमा और वसंत पंचमी जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जो विद्या और ज्ञान की देवी मानी जाती हैं।
12. फाल्गुन (Phalguna):-
फाल्गुन महीना हिंदू पंचांग का बारहवां और अंतिम महीना है। यह वसंत ऋतु का समय होता है, और इस महीने में होली का त्योहार मनाया जाता है, जो रंगों और खुशियों का प्रतीक है। फाल्गुन में होली के अलावा महाशिवरात्रि का त्योहार भी आता है, जो भगवान शिव की उपासना का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस महीने में लोग आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं।
इस प्रकार, हिंदू पंचांग के ये 12 महीने विभिन्न ऋतुओं, त्योहारों और धार्मिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं। हर महीने का अपना एक विशिष्ट महत्व और पहचान होती है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति की विविधता को दर्शाती है।
3. अंग्रेजी कैलेंडर से सभी 12 महीनों के नाम और उसके बारे में :-
1. जनवरी (January):-
जनवरी साल का पहला महीना होता है, और यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। यह महीना ठंड का होता है, विशेषकर उत्तरी गोलार्ध में जहां सर्दी का प्रभाव अपने चरम पर होता है। जनवरी में नववर्ष का जश्न मनाया जाता है और लोग नई उम्मीदों, संकल्पों और लक्ष्यों के साथ नए साल का स्वागत करते हैं। भारत में, मकर संक्रांति जैसे त्योहार मनाए जाते हैं, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है।
2. फरवरी (February):-
फरवरी साल का दूसरा और सबसे छोटा महीना है, जिसमें सामान्यतः 28 दिन होते हैं, लेकिन लीप वर्ष में 29 दिन होते हैं। यह प्रेम और रिश्तों का महीना माना जाता है क्योंकि इसमें वैलेंटाइन डे (14 फरवरी) मनाया जाता है। इस महीने में वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, और प्रकृति में बदलाव के संकेत मिलने लगते हैं। भारत में, वसंत पंचमी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं, जो विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा का दिन है।
3. मार्च (March):-
मार्च वर्ष का तीसरा महीना होता है, और इस महीने से वसंत ऋतु का पूरा प्रभाव दिखने लगता है। इस महीने में दिन और रात बराबर होते हैं, जिसे वसंत विषुव (Spring Equinox) कहते हैं। भारत में, होली का त्योहार मार्च में मनाया जाता है, जो रंगों और उमंग का प्रतीक है। होली के दौरान लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं और खुशी मनाते हैं।
4. अप्रैल (April):-
अप्रैल वसंत ऋतु का दूसरा महीना है, और इस समय पेड़-पौधे फूलों से भर जाते हैं। यह समय नई शुरुआत और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। भारत में, बैसाखी और राम नवमी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार अप्रैल में आते हैं। बैसाखी विशेष रूप से पंजाब में मनाई जाती है, और यह नई फसल के आने का संकेत होता है।
5. मई (May):-
मई महीना गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है, और यह साल का पांचवा महीना है। इस समय तापमान बढ़ने लगता है, और दिन लंबे होने लगते हैं। मई में श्रमिक दिवस (1 मई) मनाया जाता है, जो श्रमिकों के अधिकारों और उनके योगदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा, बुद्ध पूर्णिमा भी इसी महीने में आती है, जो भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का दिन होता है।
6. जून (June):-
जून महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है, और यह साल का छठा महीना है। यह समय स्कूलों की छुट्टियों और गर्मी की छुट्टियों का होता है, जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए यात्रा करते हैं। जून में मानसून की शुरुआत होती है, खासकर दक्षिण भारत में, और यह बारिश का स्वागत करता है। भारत में, यह महीना पर्यावरण दिवस (5 जून) का भी गवाह है, जो पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी के स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करता है।
7. जुलाई (July):-
जुलाई वर्ष का सातवां महीना है और यह मानसून का महीना होता है। इस समय पूरा देश बारिश की फुहारों का आनंद लेता है, और प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है। किसानों के लिए यह महीना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे खरीफ की फसल की बुवाई करते हैं। जुलाई में गुरु पूर्णिमा भी मनाई जाती है, जो गुरुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का दिन है।
8. अगस्त (August):-
अगस्त महीने में बारिश जारी रहती है, और यह स्वतंत्रता का महीना भी माना जाता है। 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो देश की आजादी का जश्न है। इस दिन पूरे देश में तिरंगा फहराया जाता है और देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं। इसके अलावा, अगस्त में रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे त्योहार भी आते हैं, जो भाई-बहन के प्यार और भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक हैं।
9. सितंबर (September):-
सितंबर साल का नौवां महीना है, और इस समय बारिश कम होने लगती है और ठंड का मौसम धीरे-धीरे आने लगता है। इस महीने में शिक्षक दिवस (5 सितंबर) मनाया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करना होता है।
10. अक्टूबर (October):-
अक्टूबर वर्ष का दसवां महीना होता है, और इस समय शरद ऋतु का आगमन होता है। यह महीना उत्सवों का होता है, जिसमें दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं। दुर्गा पूजा और दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं, जबकि दिवाली रोशनी का त्योहार है, जो घरों में समृद्धि और खुशहाली लाने का प्रतीक माना जाता है।
11. नवंबर (November):-
नवंबर शरद ऋतु का दूसरा महीना है, और इस समय ठंड का प्रभाव बढ़ने लगता है। इस महीने में गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। कार्तिक पूर्णिमा भी धार्मिक महत्व का दिन है, जो हिंदू धर्म में गंगा स्नान और दीपदान का समय होता है।
12. दिसंबर (December):-
दिसंबर साल का आखिरी महीना होता है, और यह ठंड का समय होता है। इस महीने में क्रिसमस (25 दिसंबर) मनाया जाता है, जो ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। क्रिसमस का त्योहार यीशु मसीह के जन्म का दिन है, और इसे दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही, साल के अंत का जश्न भी दिसंबर में ही मनाया जाता है, जब लोग नए साल का स्वागत करने की तैयारी करते हैं।
इस प्रकार, हर महीने का अपना एक खास महत्व होता है और यह हमें विभिन्न ऋतुओं, त्योहारों और सांस्कृतिक घटनाओं से परिचित कराता है।
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FAQ
1)- एक वर्ष में कितने महीने होते हैं उनके नाम बताइए ?
एक वर्ष में 12 महीने होते हैं जिनके नाम क्रमशः जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर है ।
2)- उन महीनों के नाम बताइए जिनमें 31 दिन होते हैं ?
31 दिन वाले महीनों के नाम : जनवरी, मार्च, मई, जुलाई, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर है।
3)- उन महीनों के नाम बताइए जिनमें 30 दिन होते हैं ?
30 दिन वाले महीनों के नाम : अप्रैल, जून, सितम्बर, नवम्बर है।